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Fastival at Karanwas

परम्परागत आयोजन :- सिद्ध शक्ति पीठ होने के नाते यहाँ अति प्राचीन काल से कुछ उत्सव एवं परम्परागत आयोजन विशेष रूप से आयोजित किये जाते है |उनमें से बहुत से आयोजन समय के प्रभाव मैं लुप्त हो गए है |किन्तु परम्परागत उत्सवो का आयोजन आज भी होता है |इन्ही आयोजनों   से इस पवित्र सिद्ध भूमि की धार्मिक एवं सामाजिक संस्क्रती सुरक्षित है वर्तमान मैं निम्नलिखित आयोजन आयोजित होते है | श्री रामनवमी उत्सव :- चैत्रशुक्ला नवमी को यह उत्सव यहाँ के ध्र्मिक्जानो द्वार बड़े उल्लास से मनाया जाता है मंदिर आश्रमों मैं भजन कीर्तन सत्संग आदि के विशेष आयोजन होते है दोपहर से शाम के बीच श्री राम जी का डोला बड़ी धूम धाम से निकला जाता है भजन कीर्तन करते भक्तजन डोला लेकर गंगा तट पर पहुचते है वही श्री राम जी को गंगा स्नान कार्य जाता है भोग लगाया जाता है प्रशाद वितरित करके बाद मैं श्री राम जी मूर्ति को मंदिर ले जाकर प्रतिष्ठित करते है | अन्नकूट:- दीपावली के अवसर पर यहाँ के लाक्स्मिनारायण मंदिर मैं अन्नकूट उत्सव का आयोजन होता है इस अवसर पर श्री लाक्स्मिनारायण जी को ५६ प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाता है बाद म

Tapo Bhumi Karanwas

सिद्धसंत परम्परा :- सिद्ध स्थान होने के कारण अति प्राचीन काल से करनवास संत महात्माओ सन्यासियों की तापोस्थली रहा है | इस सिद्ध क्षेत्रान्त्ग्रत निवास करने वाले सभी प्राणी रहस्य मय है | चिरंजीवी एवं योगीजन यहाँ शारीर परिवर्तन करके आज भी निवास करते है | उनेह जो जनता है| वही पहचानता है सिद्ध संत महात्माओ की यहाँ सुदिर्ग परम्परा रही है| अनेक सिद्ध संतो के नाम काल के गर्त मैं विलीन हो गए है | किन्तु श्रुति प्रमाण परम्परा से प्राप्त अनेक महात्माओ के नाम है | जो की निकट अतीत और वर्तमान के जाज्जवल्य्मान संत रहे है | ऐसे संतो मैं कुछ नाम इस प्रकार है | महात्मा गौतमबुद्ध :-   भव्य राजमहल,   सुन्दर रानी, कुलदीप पुत्र और विरक्त हो कर ज्ञान प्राप्ति के लिए भ्रमण करते हुए महात्मा गौतम बुद्ध इस क्षेत्र मैं भी आये थे | यही बुधू नाम से प्रसिद्ध स्थान पर प्राचीन स्थान मैं माता का मंदिर था जो आज भी है |यही रहकर उनोहने काफी समय तक तप किया था| लोगो का मनना है की आज भी तमाल का वह सघन का वृक्ष उसी स्थति मैं आज भी है जहाँ पर महात्मा बैठ कर तपस्या किया करते थे |महात्मा बुद्ध के नाम वर्तमान स्थित बुध

Shri Ganga Mandir Karanwas

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श्री गंगा मंदिर :- यह मंदिर माँ कल्याणी वाले तिराहे के निकट स्थित है कर्णवास के परम्परागत उत्सवो मैं श्री रामलला की सवारी रथयात्रा यही से प्रराम्भ होती है मंदिर मैं श्री गंगा जी की भव्य प्रतिमा है । यहाँ भी नित्य पूजा के अतिरिक्त वर्ष के सभी उत्सव उल्लास पूर्वक आयोजित होते है । वर्तमान में इस मंदिर की जिम्मेदारी स्वामी अशोक जी महाराज के हाथो में है । वो यहाँ रहकर मंदिर की सम्पूर्ण व्यवस्था सम्हालते है एवं माँ गंगा की भक्ति में लीन रहते है ।    Ganga Mandir Maa Ganga Mandir Maa Ganga 

Pili Kothi Karanwas | Anna Kshetra Pili Kothi Aashram

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अन्नक्षेत्र पीली कोठी :- गंगाजी की प्रत्यक्ष गोद मैं स्थित पीली कोठी भी आश्रम ही है यह स्थान आगरा के प्रसिद्ध सेठ जगदीश प्रसाद के पूर्वजो ने बनवाया था यहाँ प्रारंम्भ से ही अन्नक्षेत्र संचालित है यहाँ पहुँचने वाले प्रत्येक व्यक्ति को भोजन प्राप्त होता है वर्तमान मैं यहाँ पैर गलीचा बुनाई प्रशिक्षण केंद्र भी चल रहा है जिसमें निर्मित गलीचे दर्शनीय है यहाँ के निकटवर्ती गाँव के लोगो के लिए आय का भी एक साधन है  ।

Shri Udiya Baba tapobhumi | Shri Udiya Baba Aashram

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  श्री देवत्र्य आदर्श इंटर कॉलेज के सामने स्थित उड़िया बाबा आश्रम वर्तमान मैं सुनसान एवं साधना कक्ष अपने आध्यात्मिक परमाणुओ की अनभूति आज भी दर्शन करते है इस आश्रम मैं कितने अखंड भण्डारो का आयोजन हुआ  है इस की संख्या कौन निर्धारित कर सकता है श्री उड़िया बाबा को अन्नपूर्ण की सिद्धि थी उन्हें वह सिद्धि इसी आश्रम मैं हुई थी बाबा का यह चमत्कार था की उनके भण्डारो मैं कभी किसी भी स्थिति में  किसी भी चीज की कोई कमी नहीं पड़ती थी वर्तमान मैं महाराज श्री का चित्र व् खडाऊं इसी आश्रम मैं प्रतिष्ठित है इनकी पूजा आरती भी प्रातः  और साय को  होती है किन्तु आवस्यकता है इस स्थान को फिर से चेतन्य करने की । उड़िया बाबा आश्रम:-  Shree Udiya Baba Ashram Udiya Baba Tapobhumi