Budhaoo Mandir | Budhaoo Aashram
बोधि माता मंदिर :- ग्राम कर्णवास में प्रतिस्थापित बुधु मंदिर ! सप्ताह के हर मंगलवार को ग्राम निवासी यहाँ पूजा अर्चना कर अपनी मंगल कामना की प्रार्थना करते है । होली दिवाली को यहाँ स्थित देवी जी की पूजा करने का विशेष महत्व है ।
करनवास से पूर्व दिशा में भूतेश्वर मंदिर से लगभग १ किलोमीटर किदूरी पर सर्वथा शांत एकांत छेत्र में स्थित सिद्ध स्थान बुधू के नाम से प्रसिद्ध है । यहाँ बोधि माता का छोटा किन्तु सिद्ध मंदिर है । भक्तो की मान्यता है की बोधि माता के दर्शन करने से सभी प्रकार के कष्ट आधि व्याधि नष्ट हो जाते है भक्त श्रद्धा पूर्वक हलुवा पूड़ी से माँ का भोग लगते है । करनवास बिलोना आदि निकटवर्ती गाँव के निवासी अपनी गाय भेंस का पहली बार का दूध माँ पर चडाते है ऊंचे टीले पर स्थित इस सिद्ध भूमि पर बोधि माता के अतिरिक्त एक शिवालय और हनुमान जी का भी मंदिर है । हनुमान जी की प्रतिमा विशाल शिला खंड पर बनी है और ग्यारहवी शताब्दी की है इस स्थान पर अनेक संत महात्माओं ने एकांत तपस्या करके अपने इष्ट की प्राप्ति की है । पूर्व काल में महात्मा गौतम बुद्धा ने यहाँ रहकर तपस्या की थी इसी लिए इस स्थान को बुधू नाम से जाना जाता है कर्ण क्षेत्र में आने पर इस स्थान का दर्शन अवस्य करना चाहिए । यहाँ अभी ४-६ वर्ष पहले तक प्राचीन वाट वृक्ष भी था जिसके निचे बैठ कर महात्मा गौतम बुद्धा ने बैठ कर तपस्या की थी ।
Budhaoo Aashram Karanwas :-
करनवास से पूर्व दिशा में भूतेश्वर मंदिर से लगभग १ किलोमीटर किदूरी पर सर्वथा शांत एकांत छेत्र में स्थित सिद्ध स्थान बुधू के नाम से प्रसिद्ध है । यहाँ बोधि माता का छोटा किन्तु सिद्ध मंदिर है । भक्तो की मान्यता है की बोधि माता के दर्शन करने से सभी प्रकार के कष्ट आधि व्याधि नष्ट हो जाते है भक्त श्रद्धा पूर्वक हलुवा पूड़ी से माँ का भोग लगते है । करनवास बिलोना आदि निकटवर्ती गाँव के निवासी अपनी गाय भेंस का पहली बार का दूध माँ पर चडाते है ऊंचे टीले पर स्थित इस सिद्ध भूमि पर बोधि माता के अतिरिक्त एक शिवालय और हनुमान जी का भी मंदिर है । हनुमान जी की प्रतिमा विशाल शिला खंड पर बनी है और ग्यारहवी शताब्दी की है इस स्थान पर अनेक संत महात्माओं ने एकांत तपस्या करके अपने इष्ट की प्राप्ति की है । पूर्व काल में महात्मा गौतम बुद्धा ने यहाँ रहकर तपस्या की थी इसी लिए इस स्थान को बुधू नाम से जाना जाता है कर्ण क्षेत्र में आने पर इस स्थान का दर्शन अवस्य करना चाहिए । यहाँ अभी ४-६ वर्ष पहले तक प्राचीन वाट वृक्ष भी था जिसके निचे बैठ कर महात्मा गौतम बुद्धा ने बैठ कर तपस्या की थी ।
Budhaoo Aashram Karanwas :-
Budhaoo Mandir Karanwas |
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Maa Bhagwati Math Budhaoo Mandir |
Comments
M ek bar or aya tha to kon sa din shi rhega plz tell me